मॉक ड्रिल का उद्देश्य — mytaazatime.com
क्या है मॉक ड्रिल का उद्देश्य ?
पिछले दिनों हुए दोनों देशों के बीच तनाव को चलते हुए पिछले दिन भारत में पहलगाम कश्मीर में हुए हमले में कही लोगों ने अपनी जान गवा दी ।
पहलगाम में हुए हादसे से दोनों देशों में खूब सारा तनाव बट गया है उसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने साथ में 2025 को मॉक ड्रिल रखा है ।
शाम के 4:00 क्या होगा ?
मॉक ड्रिल में दोपहर 4:00 बजे हवाई हमले की चेतावनी दी जाएगी ।
नागरिक और विद्यार्थियों को बचने की तालीम दी जाएगी ।
अगर युद्ध होता है तो उसमें कैसे बचे उसकी तालीम दी जाएगी ।
गुरु मंत्रालय के आदेश से देश में मॉक ड्रिल की तैयारी की जा रही है।
रात के गुजरात के 19 जिले में यह मॉक ड्रिल की तैयारी की जाएगी इसका उद्देश्य अगर युद्ध होता है तो उसे कैसे बचे इसके बारे में तालीम दी जाएगी ।
र।ज्य में गुजरात राज्य में 19 जिलों में सरकार द्वारा यह ऐलान किया गया है कि 7 में को दोपहर 4:00 बजे मॉक ड्रिल का की जाएगी ।
ड्रिल का उद्देश्य लोगों को चेतावनी देने का और सलामत सुरक्षित स्थल पर पहुंचने का है ।
ड्रिल का मॉक सायरन 4:00 बजे बजाने वाला है और आज की तीव्रता 120 से 140 डेसिमल तक होगी जो दो से 5 किलोमीटर सुनाई देगा । हुआवेई हुआवेई चेतावनी दी जाएगी ।
ब्लैकआउट के समय क्या करना चाहिए ?
शाम को 7:30 बजे ब्लैक आउट की जाएगा ।
ब्लैक ब्लैकआउट का उद्देश्य सिर्फ लोगों को जागृत करना है और उसे यह सिर्फ राजा को युद्ध अगर युद्ध होता है तो उसमें क्या हो सकता है इसके बारे में बताया जाएगा ।
अगर युद्ध होता है तो हम लोगों को क्या विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत है ?
उट के समय सायरन बजाया जाएगा अगर सायरन की आवाज कुछ कुछ सैकड़ो के लिए होगी तो इसका मतलब है सब कुछ ठीक-ठाक है और
अगर सायरन लंबे समय तक चलाई जाएगी तो शक रहने की जरूरत है ।
रेडियो रेडियो या टीवी पर शो सूचना दी जा रही है उसे पर ध्यान दीजिए ।
अपने परिवार के सुख योग सदस्यों को एक साथ रहे ।
घर में बिजली या गैस जैसी चीज बंद कर दीजिए ।
अगर सायरन 2 मिनट से ज्यादा का बजे तो इसका मतलब है कि हुआवेई हंगल हवाई हमले वाले विमान आपसे दूर चले गए हैं ।
अगर सायरन की आवाज 2 मिनट तक काम ज्यादा काम ज्यादा बजे तो इसका मतलब है हवाई हमला होने वाला है 70 को जाएगी ।
गुजरात राज्य में कौन से स्थान पर मॉक ड्रिल होगी ?
गुजरात गुजरात राज्य में अहमदाबाद सूरत बड़ौदा भुज, गांधीनगर, कांडला, भावनगर नडियाद, वदीनार, वाडिनार, ओखा, जामनगर, भरूच, डांग, कच्छ, महेसाना नर्मदा, काकरापार और नवसारी जिला में आदि जग पर मॉकड्रिल आ आयोजन किए जाएगा ।
इतिहास में कब कब सायरन बजा है ?
1962 मे जब चीन के साथ युद्ध हुआ था तब,
1965 में जब पाकिस्तान के साथ युद्ध,
1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध हुआ तब,
1999 में कारगिल युद्ध के समय सायरन बजाया गया था ।
कौन कौन सी जगह सायरन स्थापित होते है
पुलिस स्टेशन, होस्तिपाल, फायर स्टेशन, आर्मी कैंप और भीड़ भाले आदि जगह सायरन होता है ।
युद्ध सायरन क्या है ?
ये एक ऐसा आयरन सिस्टम है जो जोखमी समय लोगो को आगाह करना है।
इसकी आवाज इतनी तेज होती है की एम्बुलेंस और वाहनों की आवाज से की गुना तेज होती है ।
इसका उपयोग युद्ध के समय, हवाई हमले और कई बड़ी दुर्घटना के समय बजाया जाता है ।
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